"दारापुरी ने एटीएस और खुफिया एजेंसियों पर इस्लामोफोबिया और असुरक्षा का माहौल फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि जिस तरह अभी पिछले दिनों दिल्ली की एक अदालत से प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की डेढ़ सौवीं वर्षगंाठ पर विस्फोट करने की फिराक में रहने का आरोप लगाकर पकड़ा था, बेगुनाह बरी हुए हैं। जिससे समझा जा सकता है कि राष्ट्रवाद के नाम पर असुरक्षा का भय दिखाने में किस तरह खुफिया एजेंसियां शामिल हैं।"
एटीएस की विवादित कार्यशैली पर स्थिति स्पष्ट करने का अखिलेश सरकार पर दबाव