टीएमसी का यह मिथ टूटा है कि उसके समर्थन के बिना कॉग्रेस की जीत नहीं हो सकती। यह सच है कि लेफ्ट के वोटों के प्रतिशत में इजाफा हुआ है,लेकिन सच यही है कि वाम उम्मीदवार की हार हुई है।
एफ.डी.आई के लिए हरी झंडी है जंगीपुर की जीत
शनिवार, 13 अक्टूबर 2012
शुक्रवार, 12 अक्टूबर 2012
राइफल की छांव में, मुस्कान ओठों पर लिए, श्वेत खादी में अहिंसा के पुजारी आ गये
जहाँ तक बात मंत्री जी की है तो यह सर्व विदित है कि वो एक दबंग नेता है। ये माना जाता रहा है कि वो सपा प्रमुख मुलायम सिंह के बहुत करीबी है। ऐसे में पूर्ववर्ती माया सरकार में हर आरोपी मंत्री की बर्खास्तगी और जांच की मांग करने वाली समाजवादी पार्टी जांच कमेटी की रिपोर्ट आने पर तथा उस रिपोर्ट में मंत्री जी के दोषी होने पर उनके विरोध कार्यवाही करेगी या नहीं यह देखने योग्य होगा। पर इतना तय है कि जो व्यवस्था वर्तमान दौर में उत्तर प्रदेश में चल रही है उसका खामियाजा समाजवादी पार्टी को २०१४ के लोकसभाचुनाव में भुगतना पड़ेगा। Read More on
राइफल की छांव में, मुस्कान ओठों पर लिए, श्वेत खादी में अहिंसा के पुजारी आ गये
राइफल की छांव में, मुस्कान ओठों पर लिए, श्वेत खादी में अहिंसा के पुजारी आ गये
गुरुवार, 11 अक्टूबर 2012
बुधवार, 10 अक्टूबर 2012
मंगलवार, 9 अक्टूबर 2012
तो मुलायम का परिवार भैंस चराता ?
दलितों की रहनुमाई का दावा करने वाली मायावती की रैली में मंच पर दलितों का प्रतिनिधित्व देखने को नहीं मिला। नसीमुद्दीन सिद्दकी, स्वामी प्रसाद मौर्या, के साथ ब्राह्मण कुलभूषण सतीश चंद्र मिश्र, सुरेंद्र प्रसाद मिश्र और रामवीर उपाध्याय मंच को सुशोभित कर रहे थे।
तो मुलायम का परिवार भैंस चराता ?
तो मुलायम का परिवार भैंस चराता ?
कैंसर से जूझते हुए शावेज़!!! …शावेज़… शावेज़ यहां से वहां तक…शावेज़
एक मशाल लगातार जल रही है, वेनेज़ुएला में, जो लातिनी अमरीका को ही नहीं पूरी दुनिया को प्रेरित कर रही है. विश्व पूंजीवाद को झन्नाटेदार तमाचा मार सकता है एक छोटा-सा देश,
कैंसर से जूझते हुए शावेज़!!! …शावेज़… शावेज़ यहां से वहां तक…शावेज़
कैंसर से जूझते हुए शावेज़!!! …शावेज़… शावेज़ यहां से वहां तक…शावेज़
सोमवार, 8 अक्टूबर 2012
“जमीन की लड़ाई में सारी दुनिया आई है”
अब चाहे, लंगोटी पहन कर मोदी दंगल में मनमोहन के मुकाबले उतरें या बंगाल की शेरनी राजग में दोबारा दाखिल हो जाएँ, कोई फर्क नहीं पड़ने वाला!
“जमीन की लड़ाई में सारी दुनिया आई है”
“जमीन की लड़ाई में सारी दुनिया आई है”
रविवार, 7 अक्टूबर 2012
वाह भई वाह! देश में राष्ट्रवाद और गुजरात में हिंदूवाद ?
सवाल ये
उठता है कि अगर उसे मुसलमानों के वोटों की इतनी ही चिंता है तो क्यों कर मोदी जैसों को फ्रंट फुट पर खड़ा करती है? क्यों कट्टरवादी चेहरे के नाम पर गुजरात में हैट्रिक बनाना चाहती है?
वाह भई वाह! देश में राष्ट्रवाद और गुजरात में हिंदूवाद ?
उठता है कि अगर उसे मुसलमानों के वोटों की इतनी ही चिंता है तो क्यों कर मोदी जैसों को फ्रंट फुट पर खड़ा करती है? क्यों कट्टरवादी चेहरे के नाम पर गुजरात में हैट्रिक बनाना चाहती है?
वाह भई वाह! देश में राष्ट्रवाद और गुजरात में हिंदूवाद ?
जब इस कब्रिस्तान में जाग उठेंगे खेत! आमीन
जीवन जीने के संसाधनों के असमान वितरण के कारण देश में 35 अरबपतियों के चलते अस्सी करोड़ गरीब अपने हक से वंचित हो गए हैं। देश में 24 करोड़ लोग भूमिहीन हैं। सरकार की प्राथमिकता लोगों को भूमि स्वामी बनाने की नहीं बल्कि भूमिहीन करने की है। यही कारण है कि केंद्र सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण कानून के जरिए किसानों की जमीनों के अधिग्रहण की प्रक्रिया आसान की जा रही है। भूमि सुधार के बिना अधिग्रहण कानून में संशोधन का मकसद जल, जंगल जमीन और आजीविका के हक हकूक की लड़ाई को खत्म करना!
जिंदा कौमें वक्त बदलने का इंतजार नहीं करतीं, वक्त बदल देती हैं! हमे अपने हक की लड़ाई खुद ही लड़नी होगी और इसके लिए एकजुट होकर अपनी ताकत का एहसास कराना होगा।
जब इस कब्रिस्तान में जाग उठेंगे खेत! आमीन
जिंदा कौमें वक्त बदलने का इंतजार नहीं करतीं, वक्त बदल देती हैं! हमे अपने हक की लड़ाई खुद ही लड़नी होगी और इसके लिए एकजुट होकर अपनी ताकत का एहसास कराना होगा।
जब इस कब्रिस्तान में जाग उठेंगे खेत! आमीन
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