शनिवार, 8 दिसंबर 2012

आपातकाल में भी नहीं हुआ ऐसा तो !

आपातकाल में भी नहीं हुआ ऐसा तो !

सामंत की कचहरी में इंसाफ

सामंत की कचहरी में इंसाफ

चलो प्रधानमंत्री बना जाये

चलो प्रधानमंत्री बना जाये

दो मौतों पर नतमस्तक पूंजीवादी राजनीतिज्ञ और मीडिया

दो मौतों पर नतमस्तक पूंजीवादी राजनीतिज्ञ और मीडिया

प्रेम : हमारे दौर का सबसे बड़ा संदेह

प्रेम : हमारे दौर का सबसे बड़ा संदेह

आज का एफडीआई सेकुलर है अगर आठ साल पहले आता तो साम्प्रदायिक होता

आज का एफडीआई सेकुलर है अगर आठ साल पहले आता तो साम्प्रदायिक होता

पश्चिमी देशों के अभिभावकों को ‘टाइगर मॉम’ की सीख

पश्चिमी देशों के अभिभावकों को ‘टाइगर मॉम’ की सीख

पश्चिमी देशों के अभिभावकों को ‘टाइगर मॉम’ की सीख

पश्चिमी देशों के अभिभावकों को ‘टाइगर मॉम’ की सीख

विचारधारा का संगम कॉफी हाऊस

विचारधारा का संगम कॉफी हाऊस

Now IITs on PPP mode

Now IITs on PPP mode

संजय जोशी पर साफ दिखा नरेंद्र मोदी का खौफ

संजय जोशी पर साफ दिखा नरेंद्र मोदी का खौफ

आरोप लगाने के बाद उन आरोपों से कोई वफादारी नहीं रहती केजरीवाल की

आरोप लगाने के बाद उन आरोपों से कोई वफादारी नहीं रहती केजरीवाल की

शुक्रवार, 7 दिसंबर 2012

सड़क पर कोई मासूम घायल न हो

सड़क पर कोई मासूम घायल न हो

बाबू जगजीवन राम को आदर्श मानते हैं भारत के न्यायप्रिय लोग

बाबू जगजीवन राम को आदर्श मानते हैं भारत के न्यायप्रिय लोग

ब्राह्मणों की सक्रिय भूमिका थी आंबेडकर के अछूतोद्धार के काम में

ब्राह्मणों की सक्रिय भूमिका थी आंबेडकर के अछूतोद्धार के काम में

जी.डी.पी में सिर्फ १४ फीसदी का योगदान करनेवाले कृषि क्षेत्र की सरकार को कोई खास परवाह नहीं है

जी.डी.पी में सिर्फ १४ फीसदी का योगदान करनेवाले कृषि क्षेत्र की सरकार को कोई खास परवाह नहीं है

आई.सी.यू. की ओर जाती हुई अर्थव्यवस्था

आई.सी.यू. की ओर जाती हुई अर्थव्यवस्था

सी ए जी की रिपोर्ट दोबारा पढ़िए सिब्बल साहब!

सी ए जी की रिपोर्ट दोबारा पढ़िए सिब्बल साहब!

सॉफ्ट स्टेट का हार्ड मैसेज

सॉफ्ट स्टेट का हार्ड मैसेज

‘ऑपरेशन फर्रुखाबाद’ का राजनीति पर असर

‘ऑपरेशन फर्रुखाबाद’ का राजनीति पर असर

ये कैसा है दुर्भाग्य का योग, ममता के हाथों में महिला आयोग

ये कैसा है दुर्भाग्य का योग, ममता के हाथों में महिला आयोग

राजनीति अब करिश्मे की उम्मीद किससे करेगी साहेब !

राजनीति अब करिश्मे की उम्मीद किससे करेगी साहेब !

परिवारवाद को सींचने में मुलायम सिंह का बहुमूल्य योगदान

परिवारवाद को सींचने में मुलायम सिंह का बहुमूल्य योगदान

अशोक हॉल में नादिरशाह

अशोक हॉल में नादिरशाह

डिंपल से सीख लें फेसबुकिया बुद्धिजीवी

डिंपल से सीख लें फेसबुकिया बुद्धिजीवी

अखबारों/चैनलों का वश चलता तो वे सार्वजनिक तौर पर किसी चौराहे पर कसाब को फांसी पर लटका देते

अखबारों/चैनलों का वश चलता तो वे सार्वजनिक तौर पर किसी चौराहे पर कसाब को फांसी पर लटका देते

A nation betrayed

A nation betrayed

Gujarat: Who will Muslims vote for?

Gujarat: Who will Muslims vote for?

बारीक तौर पर चल रही हैं लेखकों को बाँटने की साजि़शें

बारीक तौर पर चल रही हैं लेखकों को बाँटने की साजि़शें

संगठन के नीचे दबता जा रहा संविधान

संगठन के नीचे दबता जा रहा संविधान

हेल्पलाइन तो ठीक पर मुख्यमन्त्री महोदय…….

हेल्पलाइन तो ठीक पर मुख्यमन्त्री महोदय…….

ये वाम दलों की जीत है

ये वाम दलों की जीत है

खबर ‘स्टुपिड’ हो सकती है पर निराधार नहीं !

खबर ‘स्टुपिड’ हो सकती है पर निराधार नहीं !

सोमवार, 3 दिसंबर 2012

कांशीराम की पत्रकारिता

पुस्तक में कांशीराम के 77 संपादकीय लेख संकलित किये गये हैं। पहला लेख समाचार सेवाओं की आवश्यकतापर है, जिसमें कांशीराम ने बहुत सही सवाल उठाया है कि जातिवादी हिन्दू प्रेस दलित और शोषित समाज के समाचारों को ब्लैक आउट करता है। वे इस लेख में लिखते हैं कि इसलिये डा. आंबेडकर ने निजी समाचार सेवा के महत्व को समझ कर 1920 में मूकनायक’, 1927 में बहिष्कृत भारत’, 1930 में जनताऔर 1955 में प्रबुद्ध भारतनाम से समाचार पत्र निकाले थे। लेख में दि आपे्रस्ड इण्डियनपत्रिका की शुरुआत के सम्बन्ध में लिखा है, ‘आवश्यकता और अवसर दोनों से हमें चुनौती स्वीकार करने की पे्ररणा मिली है तथा समाचार सेवा के क्षेत्र में कूदने की तैयारी है।वे अन्त में लिखते हैं, अगले दो सालों में देश के कोने-कोने से समाचार सेवा का विस्तार हो जायगा।
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कांशीराम की पत्रकारिता