रंगभेदी व्यवस्था के वर्चस्ववाद को यथावत बनाये रखने और उसे महिमामंडित करने के लिए मूर्तियां और स्मारक बेहद अनिवार्य हैं। व्यक्ति की मूर्ति बनाकर उसकी विचारधारा और उसके मिशन को तिलांजलि देने का श्राद्धकर्म सबसे महान कर्मकांड है, जिसकी जनमानस में अमिट छाप बन जाती है।
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राजनीतिक वर्चस्ववाद के दांव पर अंबेडकर स्मारक