सोमवार, 4 मार्च 2013

बच्चू ! मैं अब “पर धान मन्त्री” हो गया हूँ .. केम...केम छो मफतलाल...

 हमने अपनी छोटी कुर्सी बचाने और बनाये रखने के लिये वह सब कुछ किया है जो किसी भी सभ्य समाज में वाजिब नहीं समझा जाता लेकिन सियासत में गणित और खौफ एक डगर तो बनाता ही है।.............read more
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बच्चू ! मैं अब “पर धान मन्त्री” हो गया हूँ .. केम...केम छो मफतलाल...